kanchan singla

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दिल कहां है मेरा...


दिल कहां है मेरा
मैं ढूंढू हर जगह
मिले कोई जगह
बता ए मौसम जरा
कहां से लाऊं मैं
मुस्कुराहटें नयी
खो गई जो कहीं
अब कहीं बारिशें नहीं
नहीं बचे फूल कहीं
देखो बगिया उजड़ गई
नयी बस्ती बनी
मेरा दिल खो गया 
अब कहीं भी महक नहीं
प्रकृति की खुशबू नहीं
हरियाली दिखे नहीं
मेरा दिल ढूंढें यही
गुम गया जो कहीं
फिर से बरसे बरखा कहीं
पत्तो से टपके बूंदें कहीं
खिले नयी कलियां कहीं
जिन्हें छू कर खिल उठे मेरा दिल
जो गुम गया था यहीं कहीं।।

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9 Comments

Shrishti pandey

16-Dec-2021 02:54 PM

Nice

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Zakirhusain Abbas Chougule

16-Dec-2021 12:24 AM

Nice

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Abhinav ji

16-Dec-2021 12:08 AM

Very nice

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